सोमवार, 2 मई 2016

नीति आयोग



नीति आयोग की स्थापना योजना आयोग के स्थान पर  जनवरी  2015 में मोदी सरकार  के द्वारा की गयी| विगत वर्षों में योजना आयोग विभिन्न मुद्दों पर आलोचनाओं का शिकार होता रहा है | गरीबी का आकलन ३२ रुपये करना, आर्थिक विकास दर में कुछ खास वृद्धि न  कर पाने जैसे मुद्दों के साथ साथ इसका स्वरुप भी अपने आप में विवादों में रहा | प्रधानमंती नरेंद्र मोदी ने अपने १५ अगस्त के भाषण में भी इसे ख़तम करने की मंशा दिखाई थी | अंततः नीति (NITI-National Institution for Transforming India ) आयोग की स्थापना की गई| नीति आयोग नीति निर्माण के लिए सरकार का थिंक टैंक  होगा परन्तु इसमें संघवाद को अधिक महत्त्व दिया जायेगा | सहकारी संघवाद को लक्षित करते हुए राज्यों की भूमिका को बढाया गया है | परन्तु नीति आयोग की स्थापना की सबसे बड़ी आलोचना यह है कि यह भी योजना आयोग की तरह असंवैधानिक एवं असांविधिक संस्था है जो संसद के प्रति जवाबदेही नहीं होगी |

नीति आयोग के संगठन पर नजर डाली जाये तो इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होंगे | इसका  उपाध्यक्ष अरविन्द पनगढ़िया को बनाया गया है | नीति आयोग का मुख्य अंग शासकीय परिषद् (Governing Council)  होगा | सभी राज्यों के मुख्यमंत्री एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रशासक/उपराज्यपाल इसके सदस्य होंगे,प्रधानमंत्री इस परिषद् के अध्यक्ष होंगे | दो पूर्णकालिक सदस्य  ( अर्थशास्त्री बिबेक देबराय एवं डॉ. वी.के. सारस्वत) बनाये गए हैं | पदेन सदस्य के रूप में गृह,वित्त, रेल और कृषि मंत्री को मनोनीत किया गया है | विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर परिवहन मंत्री, मानव संसाधन मंत्री और सामाजिक न्याय मंत्री को स्थान दिया गया है | इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी वर्तमान में अमिताभ कान्त हैं |

वर्तमान में नीति आयोग के अधीन अटल नवोन्मेष मिशन, सेतु(स्व रोजगार एवं प्रतिभा उपयोग) और  भारत ऊर्जा सुरक्षा परिदृश्य (IESS), 2047 कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं | साथ ही मुख्यमंत्रियों के तीन उपसमूहों का गठन क्रमश: कौशल विकास, केंद्र प्रायोजित योजनायें एवं स्वच्छ भारत विषय पर किया गया है | इन उपसमूहो के संयोजक क्रमश: पंजाब ,मध्यप्रदेश और आन्ध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री  हैं |

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