गुरुवार, 13 अप्रैल 2017

RAS 2016 MAINS: पेपर विश्लेषण एवं कट ऑफ आकलन



मित्रों ,

अंततः आपको और मुझे फुर्सत मिल ही गयी RAS 2016 मुख्य परीक्षा से | परीक्षा से एक दिन पहले तक हर कोई इस दुविधा में था की परीक्षा होगी या नहीं | चूहा बिल्ली के इस खेल में आख़िरकार पंवार साहब भारी पड़े |

खैर अब जब परीक्षा संपन्न हो चुकी है तो हर कोई आकलन करने में लगा है कि क्या कट ऑफ रहेगी , कितने अंक बनेंगे | कुछ लोग गत वर्ष कि अपेक्षा इस बार पेपर आसान बता रहे हैं तो कुछ कट ऑफ कम रहने का अंदेशा जता रहे हैं | हम कितना भी कह लें कि धैर्य रखें परिणाम आने तक परन्तु यह मन बड़ा चंचल है और यह मस्तिष्क  बड़ा मेहनती | रुकने का नाम ही नहीं ले रहा | यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है |

अतएव मैं इस बार के पेपर के विश्लेषण को अपने नजरिये से आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ| यह बेहद कठिन काम है क्योंकि मुख्य परीक्षा में वस्तुनिष्ठता नहीं होती | अतः आपके और मेरे विचारों में भिन्नता की सम्भावना बनी रहेगी |

पेपर -1 गत वर्ष की अपेक्षा इस बार इस पेपर में कम विषय शामिल थे | यूनिट 1 में इतिहास से जुड़े प्रश्नों कि अधिकता रही | 75 अंक वाले इस भाग के अधिकांश सवाल सीधे एवं तथ्यों से जुड़े थे जो आसान रहे | 65 अंकों वाले अर्थशास्त्र की  यूनिट 2 आसान तो नहीं कही जा सकती परन्तु जटिल तथ्यों से जुडी होने की वजह अपेक्षाकृत कठिन थी | 10 अंकों वाले बड़े प्रश्न महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे | इन सवालों के जवाब लेखन शैली के दम पर ही अंक दिला पाएंगे | 60 अंकों वाली तीसरी यूनिट में समाजशास्त्र, व्यवसाय प्रशासन और मार्केटिंग पर आधारित मूलभूत प्रश्न ही पूछे गए जो आसान थे |

पेपर-2 इस बार का सबसे बड़ा गेम चेंजर यह पेपर रहेगा | इस बार RPSC ने विज्ञान का जो सिलेबस रखा उसने पहले ही तय कर लिया था कि नॉन साइंस वालों की हत्या होने वाली है और हुआ भी यही | एकतरफ बेहद जटिल गणित के सवाल और दूसरी तरफ 11वीं एवं 12वीं की विज्ञानं से जुड़े सवालों ने हर किसी के पैर के निचे कि जमीन खिसकाई | इन सब में साइंस या इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले अभ्यर्थी तो अपनी नाव पार लगा लेंगे लेकिन इनके अलावा अन्य लोगों का क्या होगा यह सोच कर ही रूह काँप जाती है | 135 अंकों का भार समेटे यूनिट 1 और 2 कितने लोगों पर भारी पड़ने वाली है यह समय बताएगा | यूनिट 3 के भूगोल के प्रश्न आसान थे परन्तु BSHW एवं समय सारिणी वाले घोर रटंत विद्या पर आधारित तथ्यात्मक सवालों के पूछे जाने का औचित्य समझ में नहीं आया |

पेपर-3 यह पेपर पिछले 2 पेपर कि तुलना में बेहद आसान साबित हुआ | पारंपरिक सवालों की भरमार ने अभ्यर्थियों का मनोबल बढ़ा दिया परन्तु विधि आयोग, पुंछी आयोग से जुड़े सवालों में तुक्के मारे जाने की पूरी आशंका है | साथ ही कुछ प्रश्न यूनिट 1 में ऐसे भी थे जो लेखन शैली पर निर्भर थे | यूनिट 2और 3 काफी सरल रही कुछ तथ्यात्मक पर्श्नों को अगर छोड़ दिया जाये तो | मनोविज्ञान एवं विधि विषय को लेकर अभ्यर्थियों के मन में जो भय था परीक्षा से पहले , वो निर्मूल साबित हुआ | दोनों में ही मूल सवाल पूछे गए |

पेपर-4 राजस्थानी भाषा के हट जाने के बाद इस बार यह पेपर थोडा लम्बा साबित हुआ | हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही प्रश्नों को पूछे जाने का तरीका बदला गया जिसने इसे आसान बना दिया| परन्तु फिर भी हिंदी वाले हिस्से में कुछ प्रश्न अंग्रेजी माध्यम वाले विद्यार्थियों को परेशानी दे सकते थे | निबंधों की शब्द सीमा घटाकर उनकी संख्या बढ़ा देने से यह लगा ही नहीं कि निबंध लिखवाना चाह रहे हैं या छोटे प्रश्नों का जवाब | अंग्रेजी में विकल्प देने कि वजह से इस बार  हिंदी माध्यम वाले अभ्यर्थियों का काम काफी आसान हो गया| वहां तुक्के भी उपयोगी साबित हो सकतेहैं  | ACTIVE PASSIVE, DIRECT INDIRECT के पारंपरिक प्रश्नों की कमी खली |


इस बार की RAS मुख्य परीक्षा 4 कारणों से याद रखी जाएगी -
1. अंत समय तक बना रहस्य
2. एक दिन में 2 पेपर
3. 20 अंकों की जगह 10 अंकों के सवाल
4. पेपर 2 का नरसंहार

उपरोक्त चारों ही कारण इस बार कट ऑफ नीचे खिसकने की ओर इशारा कर रहें हैं | कट ऑफ का अनुमान लगाना बेहद कठिन काम है परन्तु फिर भी अभ्यर्थियों की  मांग पर मैं अपने विश्लेषण के आधार पर इसे  320 से 330 तक रहने का अनुमान लगाता हूँ | परन्तु किसी को भी इस कट ऑफ के आधार पर निराश होने की आवश्यकता नहीं  है क्योंकि RPSC को अक्सर सरप्राइज देने का शौक रहता है |

सभी को शुभकामनायें |