यूँ तो किसी परीक्षा के बाद एक विद्यार्थी राहत महसूस करता है परन्तु UPSC के अभ्यर्थी परीक्षा के बाद अधिक विचलित हो जाते हैं | इस साल की सिविल सर्विसेज प्रारंभिक परीक्षा के पेपर ने सबको चौंका दिया | गत दो वर्षों के आसान पेपर की तुलना में इस बार यह कठिन था | THE HINDU के अनुसार तो गत पांच वर्षों में से यह सबसे कठिन पेपर था इस बार | लेकिन मैं इस बात से सहमत नहीं हूँ | प्रश्न आसान थे परन्तु विकल्पों में ट्विस्ट रखा गया था | राजनीति से जुड़े हुए प्रश्न फंसाने वाले थे जैसे राष्ट्रपति शासन, नीति निर्देशक सिद्धांतो वाला प्रश्न |
अर्थशास्त्र से जुड़े हुए प्रश्न समसामयिकी पर आधारित थे | अतः जिन विद्यार्थियों ने करंट अफेयर्स अच्छे से पढ़ा था उनके लिए ये आसान थे अन्यथा उन्हें कुछ कठिन माने जा सकते हैं | योजनाओं से जुड़े हुए प्रश्नों के विकल्प confusing बनाये गए थे | आधुनिक भारत से off beat सवाल आये जो निश्चित तौर पर उम्मीदों से परे थे और काफी लोग इनसे विचलित हुए होंगे | भूगोल से जुड़े सवाल तथ्यात्मक थे अतः स्मृति पर आधारित थे | इन्हें माध्यम या कठिन कहा जा सकता है | इसी प्रकार के प्रश्न प्राचीन इतिहास के थे |
विज्ञानसे जुड़े हुए प्रश्न भी तथ्यात्मक और स्मृति आधारित थे जो सरल से कठिन प्रवृति के थे | इस बार करंट अफेयर्स का पेपर में भारांश कम था और UPSC एक बार पुनः पारंपरिक सवालों की ओर लौटा है |
सारांश यह निकलता है कि इस बार के पेपर में प्रश्न आसान थे परन्तु विकल्प कठिन | अतः बहुत से लोगों को झटका महसूस हुआ होगा | लेकिन आप निश्चिन्त रहे | मेरा अनुमान है कि इस बार कट ऑफ गत वर्ष की तुलना में 5 से 10 अंक कम रहेगी अर्थात 100-110 की रेंज में |
अतः बिना ज्यादा विचार किये आप सभी मुख्य परीक्षा की तैयारी प्रारंभ कर दे |
शुभकामनायें |
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