नमस्कार दोस्तों
काफी महीनों के बाद मैं लिख रहा हूँ | हाँ मैं जिंदा हूँ | RAS 2013 में सिलेक्शन के बाद मैं लम्बे समय तक ट्रेनिंग एवं पोस्टिंग में व्यस्त रहा | खैर मुद्दे पर आते हैं | पिछले दिनों हुई RAS 2018 के बाद कट ऑफ को लेकर माहौल बेहद नाजुक है | इसलिए चलिए उस पेपर का विश्लेषण कर आपकी जिज्ञासा को शांत करने की एक असफल कोशिश कर ही लेते हैं |
इस बार के पेपर के बाद एक बार फिर सिद्ध हो गया कि RPSC के पेपर का कोई पैमाना नहीं | पेपर परंपरा से हट कर था | भारतीय राजव्यवस्था का हिस्सा तो ऐसा था कि लक्ष्मीकांत पढने वालों के हौश ही उड़ गए बाकियों का तो कहना ही क्या? परन्तु यकीन मानिये लक्ष्मीकांत अभी भी एक बेहतरीन पुस्तक है | ये सवाल ही इसे थे जिन्हें कोई महत्वपूर्ण नहीं मानता था इसलिए कोई पढता नहीं था | विपक्ष के नेता को भला कौन याद रखता है ?
माननीय न्यायाधीश के ट्रान्सफर पर नजर कौन रखता है ? अनुच्छेद 87 के प्रश्न में तो RPSC शब्दों से खेल गया | मुझे लगता है अधिकांश लोगों ने यह गलत ही किया होगा, तुक्के में सही हो जाये तो अलग बात है | स्वर्ण सिंह समिति, लोकसभा में प्रश्न, प्रोटेम स्पीकर जैसे प्रश्न औचित्यहीन थे | कुल मिलाकर राजनीति वाला हिस्सा देखकर तो लगा कि " बेटा तुमसे ना हो पायेगा |" इस बार के पेपर का सबसे कठिन हिस्सा यही है इसी के आधार पर कट ऑफ के नीचे रहने का अनुमान लगाया जा रहा है |
इतिहास कठिन स्तर का था | प्राचीन ,मध्य काल एवं आधुनिक काल के प्रश्नों का समावेश था परन्तु 1-2 को छोड़कर सब कठिन तथ्य थे जो याद रहना अनपेक्षित थे | विज्ञान के करीब 21 प्रश्न पूछे गए जो आसान या मध्यम प्रकृति के थे | कुछ प्रश्न तो तुक्कों या कॉमन सेंस के आधार पर भी सही हुए हैं | तार्किक योग्यता के सवाल आसान पूछे गए जो लगभग लोगों ने सही किये | गणित इस बार कठिन रही | जो गणित पृष्ठभूमि के नहीं थे उन्हें खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है | मैं यह मान कर चल रहा हूँ कि उन लोगो से यह प्रश्न हल नहीं हुए होंगे |
आश्चर्यजनक रूप से इस बार राजस्थान से जुड़े सवाल कम पूछे गए | कला,संस्कृति इतिहास से जुड़े प्रश्न नहीं थे | राजे महाराजे देवी देवता को नजरअंदाज किया गया | कहीं वो नाराज हो गए तो RPSC को उनके प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है | वैसे भी हमारे राजाओं का ईगो सबको मालूम ही है ;)
खैर पारंपरिक सवालों का अभाव रहा | अलोकप्रिय सवाल जैसे पुस्तकों के लेखकों के नाम पूछे गए | इनके अलावा सभी राजस्थान से जुड़े सवाल चाहे वो योजनाओं से सम्बंधित हो या समसामयिकी से बेहद सरल रहे |
अर्थशास्त्र से जुड़े प्रश्न अच्छी संख्या में पूछे गए | जो लगभग लोगों ने सही किये | 2 सवाल सीधे सीधे आंकड़ो से सम्बंधित थे जो लोगों ने रट्टे मारे हुए थे | जनसँख्या से जुड़ा सवाल अभी भी पूछा गया जो तुक्के से सही किया जा सकता था | एक सवाल की चर्चा में यहाँ जरुर करना चाहूँगा - लागत मूल्य एवं महंगाई वाले प्रश्न को कथन एवं कारण टाइप का था , उसे हिंदी माध्यम के लोगों ने शायद ही दूसरी बार पढ़ा होगा जबकि इंग्लिश अनुवाद पढ़कर उसे आसानी से हल किया जा सकता था | अतः मेरा सुझाव है कि इसे प्रश्न जो हिंदी में भारी भरकम लगे उसका अंग्रेजी अनुवाद जरुर पढ़ें |
समसामयिकी के अधिकांश प्रश्न सरल थे और गत 1-2 महीने कि खबरों से जुड़े हुए थे अतः इन्हें हल करना आसान था |
पूरे प्रश्नपत्र के विश्लेषण के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इस बार का पेपर गत वर्ष की तुलना में थोडा कठिन रहा परन्तु सरल विकल्पों ने तुक्के लगाने में सम्भावना पैदा कर दी | इसलिए कट ऑफ में बहुत ज्यादा अंतर आने की सम्भावना कम ही रहेगी | राजस्थान से जुड़े प्रश्नों की संख्या कम रही जो अन्य राज्यों के परीक्षार्थियों के लिए लाभ का सौदा रहा |
जिन विद्यार्थियों को लगा कि इस बार का पेपर IAS के स्तर का था तो मेरे हिसाब से या तो उन लोगों ने आज तक IAS की परीक्षा दी नहीं है या फिर राजनीति वाले हिस्से की कठिनाई ने उन्हें ऐसा सोचने को मजबूर कर दिया | राजस्थान में धूलभरी आँधियों वाला प्रश्न ही मुझे IAS के स्तर का लगा |
अंत में कट ऑफ की चर्चा कर ली जाए | यह बहुत ही मुश्किल काम होता है | क्योंकि बॉर्डर वाले विद्यार्थियों का परिणाम आने तक दिल धक् धक् करता रहता है | परन्तु कट ऑफ उस भूतिया फिल्म की भांति है जिसे देख्नने का मन भी करता है और डर भी लगता है | इस पेपर में मेरे अनुसार करीब 58 प्रश्न ऐसे थे जो सरल थे और अधिकांश विद्यार्थियों ने सही किये होंगे | साथ ही इस वर्ष भर्ती में पदों की संख्या गत वर्ष से अधिक है | इस आधार पर कहा जा सकता है कि कट ऑफ गत वर्ष की तुलना में कम ही रहेगी | मेरा अनुमान है कि यह सामान्य वर्ग के लिए 74+-2(72 से 76 ) रहेगी | OBC की कट ऑफ इस बात पर निर्भर करेगी कि उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाता है या नहीं | इस मामले में RPSC के एक तरफ कुआँ है तो एक तरफ खाई | परन्तु मेरे अनुमान से RPSC इस बार प्री परीक्षा में आरक्षण का लाभ देगी | अतः कट ऑफ के समान ही रहेगी | परन्तु अगर कट ऑफ ज्यादा रखी गई तो यह अधिकतम 85+-2 अंक तक जा सकती है |
70 अंक से अधिक अंक प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों से मेरा कहना कि अध्ययन शुरू कर दे | RPSC का परिणाम ही अंतिम सत्य है और यह कट ऑफ कट ऑफ का खेल महज मिथ्या |
शुभकामनाएँ |
Bhai sahab obc ki to aapne 87 bta dii
जवाब देंहटाएं83 bhi to batayi hai.
हटाएंMujhe aapki hi Cut-off ka wait tha kyonki aapki Cut-off and analysis har baar sahi saabit hota hai. Thanks Ram Gurjar Sir...
जवाब देंहटाएंbest effort to analyse the paper
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया👌
जवाब देंहटाएंRajasthan RPSC RAS Result 2018, Candidates have to download the RAS Prelims Exam Results 2018 with the help of DOB, roll number on here.
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